भिलाई। इलाज के दौरान सावधानियां बरतने के तमाम दिशा-निर्देश के बावजूद मरीजों की जान से खिलवाड़ अब भी जारी है। दुर्ग जिले में ऐसे नर्सिंग होम का खुलासा हुआ है, जहां इलाज के नाम पर बड़ी बीमारी बांटी जा रही थी। यहां एक सिरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन लगाया जा रहा था। इसका खुलासा दुर्ग एसडीएम IAS लक्ष्मण तिवारी के छापे के दौरान हुआ। इसके अलावा भी नर्सिंग होम में कई अन्य बड़ी खामियां भी पाई गईं। इसके चलते दो नर्सिंग होम को बंद कर दिया गया।
मरीज भर्ती मगर चिकित्सक नहीं..!
सिन्हा नर्सिंग होम में मरीजों को भर्ती तो किया गया था, लेकिन कोई क्वालीफाइड डॉक्टर नहीं थे। सुपेला नर्सिंग होम और सिन्हा नर्सिंग होम की हालत बहुत ही बदतर मिली। दोनों ही जगह नर्सिंग होम एक्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा था।
भर्ती मरीज की बीमारी का पता नहीं
एसडीएम दुर्ग ने बताया कि दोनों ही नर्सिंग होम में मरीज भर्ती पाए गए। जब वहां के स्टाफ से मरीजों की बीमारी के बारे में पूछा गया तो उन्हें पता ही नहीं था कि किसे क्या समस्या है। वहां जब डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ का क्वालीफिकेशन चेक किया गया तो कोई भी क्वालीफाइड डॉक्टर नहीं पाए गए।
नर्सिंग होम बंद करने का निर्देश
जांच के दौरान मिली अव्यवस्था के चलते दोनों ही नर्सिंग होम संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने यहां भर्ती मरीजों को जिला अस्पताल में ट्रांसफर करें और अपने नर्सिंग होम को बंद करें। साथ ही कहा गया है कि दोनों तब तक अपना नर्सिंग होम बंद रखें जब तक की नर्सिंग होम एक्ट की गाइड लाइंस का पालन नहीं कर लेते।
आधी रात को बार में मारा छापा
एसडीएम IAS लक्ष्मण तिवारी ने शनिवार-रविवार देर रात शहर के कई बार और रेस्टोरेंट में भी छापेमारी की। पुलगांव रोड स्थित शहर के सबसे बड़े बार और रेस्टोरेंट प्लेजर में अवैध शराब बेचने का मामला सामने आया है। दुर्ग बस स्टैंड स्थित पंजाब बार रात एक बजे तक खुला मिला। दुर्ग एसडीएम लक्ष्मण तिवारी ने होली को देखते हुए तय समय के बाद देर रात खुलने वाले बार रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की। सबसे पहले रात 10 से 11 बजे उन्होंने धमधा रोड स्थित गोल्डन बार और अंजोरा स्थित प्लेजर में रेड मारी।
गोल्डन बार में जांच के दौरान उन्होंने यहां के किचन, बार, लिकर स्टॉक की जांच की। संचालक से वहां पब चलाने के दस्तावेज मांगे। किचन की जांच पर उन्हें एक ही फ्रिज में वेज और नॉनवेज रखा मिला। इसे लेकर उन्होंने संचालक को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद वे अंजोरा प्लेजर बार में पहुंचे। उन्होंने शराब की सेल और स्टॉक का रिकॉर्ड मिलाया। गुमास्ता लाइसेंस चेक किया, तो जितने कर्मचारी दिखाए गए थे, उसके अलावा कई अन्य कर्मचारी भी वहां काम करते हुए मिले। दोनों ही जगह बिना लाइसेंस सिगरेट और तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे थे। इस दौरान उनके साथ दुर्ग कोतवाली पुलिस, फूड विभाग, आबकारी विभाग और जनसंपर्क और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।