कलेक्टर सिन्हा ने ऑक्सीजोन परिसर का निरीक्षण कर प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने रोपे गए पौधे और तैयार किए जलाशय का भी मुआयना किया। उन्होंने कहा कि यह एक उम्दा प्रोजेक्ट है। मियावाकी पद्धति से कम दूरी पर लगाए गए पौधे अब बढ़कर एक जंगल का अहसास देते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय अमला अब इस विधि से प्लांटेशन कर सकता है तो इसका फायदा लेना चाहिए। इसे जिले के दूसरे स्थानों पर भी क्रियान्वित करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश उन्होंने सीईओ जनपद पंचायत रायगढ़ श्री रूपेंद्र पटेल को दिए। इसके साथ ही यहां निर्मित तालाब में इंटरलॉकिंग का काम भी करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि मियावाकी पद्धति से होने वाले वृक्षारोपण में पौधे आपस में काफी कम दूरी में रोपे जाते हैं। इससे कम स्थान पर बहुत से पौधे लगाकर बागान या वन तैयार किए जा सकते हैं।
डेयरी उद्यमी का बढ़ाया मनोबल, पशुपालकों के केसीसी बनाने के निर्देश
जुर्डा में ग्रामवासियों ने चर्चा के दौरान कलेक्टर श्री सिन्हा को बताया कि यहां किसान बड़े पैमाने पर डेयरी का काम करते हैं। ऐसे ही एक किसान श्री राजीव पटेल ने बताया कि वे रोजाना करीब 700 लीटर दूध बेचते हैं। कलेक्टर श्री सिन्हा ने इस पर किसान की सराहना कर न सिर्फ उनका मनोबल बढ़ाया बल्कि उनका डेयरी फार्म देखने भी पहुंचे। किसान ने बताया कि उनके पास लगभग 60 गाये हैं, जो देसी नस्ल की हैं।
कलेक्टर सिन्हा ने पुसौर क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान सुकुल भठली में किसानों द्वारा किए जा रहे ऑयल पाम की खेती का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए स्थायी आय जा जरिया है। एक बार प्लांटेशन से लगभग 35 वर्षों तक इससे फल लिए जा सकते हैं। पशु भी इसे नुकसान नही पहुंचाते। क्षेत्र के किसानों से कंपनी का टाईअप है जो सीधे खेत से फसल काट कर ले जाती है। इसमें साल भर फसल ली जा सकती है। यहां किसान ने बताया कि उन्होंने लगभग पौने तीन एकड़ में ऑयल पाम लगाया है इससे उन्हें सालाना 3 लाख की आय होती है। कलेक्टर श्री सिन्हा ने इसे किसानों के लिए काफी फायदेमंद बताया और इसकी खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
वृक्षारोपण अभियान के लिए तैयार रखे पौधे-कलेक्टर
कलेक्टर सिन्हा ने बाघाडोला के नर्सरी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां लगाए गए पौधों के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि नर्सरी में आम, अमरूद सहित दूसरे फलदार पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान वृहत वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए बड़े पैमाने में पौधों की आवश्यकता होगी। उन्होंने नर्सरी प्रभारी को अभी से पौधे तैयार करने के निर्देश दिए। जिसका उपयोग वृक्षारोपण में किया जा सके।