चपले के पावन धरा में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ कल दोपहर में…

आपश्री को आमंत्रित करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष भी सिर पर श्रीफल के साथ मंगल कलश के साथ भक्ति में सराबोर नाचती गाती महिलाएं। आकर्षक झांकियां और बैंड बाजों व ढोल ताशों पर भजनों की स्वरलहरियों के साथ उत्सव पूर्ण माहौल संगीत प्रेमी के जिला रायगढ़,धर्म नगरी खरसिया के चपले ग्राम के धन्यधरा राम-जानकी धर्मशाला नंदेली रोड़ से बायंग चौक होते हुए गांव के तालाब से जल भर कर जगह-जगह कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत करते बस्ती का भ्रमण करते हुए एनएच 49 से वापस  कथा स्थल में पहुंचकर संपन्न होगा।

आपश्री आमंत्रण स्वीकार कर श्रीमद्भागवत कथा रसपान करने…

यात्रा में क्षेत्र के श्रीमद्भागवत प्रेमी बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल होने का आग्रह आयोजक परिवार गेंद लाल श्रीवास,समिति के सदस्यों,ग्राम वासी क्षेत्र वासियों द्वारा किया जा रहा है।

इससे पूर्व कथा स्थल पर आचार्यों द्वारा हवन पूजन किया गया।कथा का शुभारंभ के पूर्व कथावाचक इन्द्रेश उपाध्याय जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा,ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है,जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रावण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।

Gopal Krishna Nayak

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